सवाल: संक्षेपण और पल्लवन में क्या अन्तर है?
संक्षेपण और पल्लवन दो विपरीत प्रक्रियाएँ हैं। संक्षेपण में किसी बड़े पाठ, लेख, या निबंध को कम शब्दों में प्रस्तुत किया जाता है, जबकि पल्लवन में किसी छोटे पाठ, उक्ति, या वाक्य को अधिक शब्दों में विस्तार से प्रस्तुत किया जाता है।
संक्षेपण के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- किसी बड़े पाठ या लेख को कम समय में समझना या पढ़ना
- किसी बड़े पाठ या लेख का मुख्य विचार या भाव समझना
- किसी बड़े पाठ या लेख को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करना
पल्लवन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- किसी छोटे पाठ या उक्ति का अर्थ स्पष्ट करना
- किसी छोटे पाठ या उक्ति के भाव को विस्तार से समझना
- किसी छोटे पाठ या उक्ति को अधिक प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करना
संक्षेपण करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- मूल पाठ या लेख का मुख्य विचार या भाव समझना
- अप्रासंगिक, अनावश्यक, या गैर-तथ्यात्मक बातों को हटाना
- आवश्यक बातों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करना
पल्लवन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- मूल पाठ या उक्ति का अर्थ स्पष्ट करना
- मूल पाठ या उक्ति के भाव को विस्तार से समझना
- आवश्यक शब्दों, वाक्यों, और उदाहरणों का प्रयोग करना
संक्षेपण और पल्लवन दोनों ही महत्वपूर्ण भाषा कौशल हैं। संक्षेपण हमें किसी बड़े पाठ या लेख को कम समय में समझने और समझाने में मदद करता है, जबकि पल्लवन हमें किसी छोटे पाठ या उक्ति के अर्थ को विस्तार से समझने और समझाने में मदद करता है।
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