सवाल: ग्राम श्री कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?
"ग्राम श्री" कविता में वर्षा ऋतु के सौंदर्य का वर्णन है।
यह कविता जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखी गई है।
इस कविता में कवि ने वर्षा ऋतु में ग्राम जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया है।
उन्होंने वर्षा के बाद धरती पर हरियाली, किसानों की खुशी, और पक्षियों के मधुर गीतों का वर्णन किया है।
यह कविता ग्राम जीवन की सुंदरता और वर्षा ऋतु के आनंद को दर्शाती है।
यहां कुछ पंक्तियां हैं जो वर्षा ऋतु के सौंदर्य का वर्णन करती हैं:
- "अंबर से नीर बरसता, धरती हरियाली धरती।"
- "झूम रही धरती, खिल रही कलियाँ, मधुर गीत गाती मधुर मधुर बुलबुलियाँ।"
- "बिजली चमकी, बादल गरजे, झूम उठा मन, नृत्य करने लगा तन।"
यह कविता हमें वर्षा ऋतु के महत्व और ग्राम जीवन की सुंदरता का अनुभव कराती है।
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