ब्याज के आधुनिक सिद्धांत की व्याख्या कीजिए? Byaj ke aadhunik siddhant ki vyakhya kijiye
सवाल: ब्याज के आधुनिक सिद्धांत की व्याख्या कीजिए?
ब्याज से तात्पर्य हैं कि ऐसा शुल्क जो उधार ली गई संपत्ति ( ऋण, पैसा ) के लिए किया जाता है। यह उधार लिए गए पैसों के लिए अदा की गई कीमत है। ब्याज का सिद्धांत प्रतिपादन स्थापित अर्थशास्त्रियों द्वारा प्राप्त हुआ है। ब्याज के आधुनिक सिद्धांत के अनुसार ब्याज की दर पूंजी की मांग और पूर्ति से निर्धारित होता है। पूंजी की मांग और विनियोग से तथा उसकी पूंजी बचत से उत्पन्न होता है। अतः ब्याज की दर बचत और विनियोग से निश्चित होती हैं। ब्याज की दर को समानता स्थापित करने वाला तत्व होता है। जो बचत और विनियोग के बराबर हो जाता है। जिन संपत्तियों का ब्याज एक साथ उधार दिया जाता है उनमें शामिल हैं। धन, शेयर, किराए पर खरीदा द्वारा, उपभोक्ता वस्तुएं, प्रमुख संपत्तिया ब्याज की गणना परिसंपत्तियों के मूल्य पर ठीक उसी प्रकार की जाती हैं। जैसे पैसे पर की जाते हैं।
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