पुरापाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं? Purapashan kal ki pramukh vishestaein
सवाल: पुरापाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं?
पुरापाषाण काल भारतीय साहित्य और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण काल है, जो लगभग 2500 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व तक था। इस काल की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. पुरातात्विक अध्ययन: पुरापाषाण काल में पुरातात्विक अध्ययन का विकास हुआ। इस काल में विभिन्न पुरातात्विक स्थलों की खोज, खुदाई, और अवशेषों का अध्ययन किया जाता था। इससे हमें उस समय की सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक जीवनशैली के बारे में जानकारी मिलती है।
2. गुफाएं और पहाड़ी मंदिर: पुरापाषाण काल में गुफाओं और पहाड़ी मंदिरों का निर्माण हुआ। इन स्थानों पर पुरातात्विक और धार्मिक आदर्शों की प्रतिमाएं, शिलालेख, और रंगविशेषण देखे जाते हैं। ये स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं का प्रमुख केंद्र थे और उन समय की संस्कृति की प्रतिष्ठा को प्रकट करते हैं।
3. लिपि और रचनाएं: पुरापाषाण काल में अल्पसंख्यक लिपियों का उदय हुआ, जैसे कि ब्राह्मी, कारोष्ठी, और अष्टाध्यायी लिपि। इसके साथ ही, रचनाएं भी प्रारंभ हुईं जिनमें धार्मिक और वैदिक साहित्य का अध्ययन किया जाता था। इन रचनाओं में धर्म, दार्शनिक विचार, और समाज विचारों को प्रकट किया जाता था।
पुरापाषाण काल भारतीय साहित्य और संस्कृति के विकास का महत्वपूर्ण अध्याय है, जहां पुरातात्विक अध्ययन, गुफाओं और पहाड़ी मंदिरों का निर्माण, और लिपि और रचनाओं का विकास हुआ। यह समय भारतीय संस्कृति की गौरवशाली पूर्वावलोकन का संकेत है।
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