संगम कालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं लिखिए? Sangam kalin sanskriti ki pramukh visheshtayen
सवाल: संगम कालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं लिखिए?
संगम कालीन संस्कृति दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास का एक ऐसा कालखंड है, जो की यह खंड ईसा पूर्व तीसरी से लेकर लगभग चौथी शताब्दी तक फैला हुआ था। इस कालखंड का नाम को संगम साहित्य के नाम पर ही रखा गया था। इस कालखंड की कई विशेषताएं थी जो कि कुछ निम्न प्रकार से हैं। 1 राजनीतिक जीवन: संगम कालीन संस्कृति में वहां का प्रशासन राजतंत्रात्मक था, महाराजा के वंशानुगत का नियम था। राज्य को एक मंडल कहा जाता था। जिनमें राजा को मंत्रम, वदम और कारवेन आदि की उपाधि दी जाती थी। यह उपाय देवता या फिर राजा को ही दी जाती थी। वहां के न्यायालय को या राज्यसभा को मनरम नाम रखा था। 2 सामाजिक जीवन इस काल की संस्कृति के लोगों का सामाजिक जीवन दक्षिण भारत में फंसा हुआ था। तथा समाज को 4 वर्गों में बांटा गया था। जिसमें की लोगों को उनके वर्ग के अनुसार कार्य करना पड़ता था। 3 आर्थिक जीवन: इस काल के लोगों का जीवन मुख्यता कृषि पशुपालन या शिकार पर ही आधारित था। तथा मुनि अगस्त्य न वहां पर कृषि का विस्तार किया था। 4 धार्मिक जीवन: प्राचीन समय से ही धार्मिक जीवन को अधिक महत्व दिया जाता था, दक्षिण भारत में मुरूगन की उपासना एवं पूजा करना सबसे प्राचीन है। उनके अलावा भी परशुराम की माता मरियम मा चेचक की देवी थी। विष्णु को तमिल में तिरुमल कहां जाता था।
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