1815 की वियना संधि की तीन विशेषताएं लिखिए? 1815 ki viyana sandhi ki teen visheshtaen likhiye

पुरापाषाण काल भारतीय साहित्य और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण काल है, जो लगभग 2500 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व तक था। इस काल की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:  1. पुरातात्विक अध्ययन: पुरापाषाण काल में पुरातात्विक अध्ययन का विकास हुआ। इस काल में विभिन्न पुरातात्विक स्थलों की खोज, खुदाई, और अवशेषों का अध्ययन किया जाता था। इससे हमें उस समय की सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक जीवनशैली के बारे में जानकारी मिलती है।  2. गुफाएं और पहाड़ी मंदिर: पुरापाषाण काल में गुफाओं और पहाड़ी मंदिरों का निर्माण हुआ। इन स्थानों पर पुरातात्विक और धार्मिक आदर्शों की प्रतिमाएं, शिलालेख, और रंगविशेषण देखे जाते हैं। ये स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं का प्रमुख केंद्र थे और उन समय की संस्कृति की प्रतिष्ठा को प्रकट करते हैं।  3. लिपि और रचनाएं: पुरापाषाण काल में अल्पसंख्यक लिपियों का उदय हुआ, जैसे कि ब्राह्मी, कारोष्ठी, और अष्टाध्यायी लिपि। इसके साथ ही, रचनाएं भी प्रारंभ हुईं जिनमें धार्मिक और वैदिक साहित्य का अध्ययन किया जाता था। इन रचनाओं में धर्म, दार्शनिक विचार, और समाज विचारों को प्रकट किया जाता था।  पुरापाषाण काल भारतीय साहित्य और संस्कृति के विकास का महत्वपूर्ण अध्याय है, जहां पुरातात्विक अध्ययन, गुफाओं और पहाड़ी मंदिरों का निर्माण, और लिपि और रचनाओं का विकास हुआ। यह समय भारतीय संस्कृति की गौरवशाली पूर्वावलोकन का संकेत है।


सवाल: 1815 की वियना संधि की तीन विशेषताएं लिखिए?

1815 की वियना संधि, जो वियना कांफ्रेंस के रूप में भी जानी जाती है, उसकी तीन मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार हैं:

1. तांत्रिक तात्पर्य: वियना संधि के माध्यम से, प्रमुख यूरोपीय राजनीतिक शक्तियां, जैसे कि ब्रिटेन, फ्रांस, और ऑस्ट्रिया, नवनिर्मित तांत्रिक प्रणाली को स्थापित करने की समझौता कर रही थीं। इसमें समांतर और सामरिक संधियों के माध्यम से शास्त्रीय न्याय, सद्भाव, और विश्व-शांति के मूल सिद्धांतों को प्रवर्तित किया गया।


2. तात्कालिक सीमाओं का स्थापना: वियना संधि के माध्यम से, एक नया राजनीतिक मानचित्र तैयार हुआ, जिसमें यूरोपीय राष्ट्रों के बीच सीमाओं को निश्चित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें यूरोपीय राजनीतिक भूमि में स्थानीय बदलाव, सामरिक संघर्ष, और अधिकारों के वितरण की मान्यता को स्थापित किया गया।


3. बल की संरक्षण: वियना संधि एक बाध्यकारी यूरोपीय संघ की स्थापना के रूप में कार्य कर रही थी। इस संघ का मुख्य उद्देश्य था सुरक्षा और स्थिरता के साथ यूरोपीय शांति की सुरक्षा करना। वियना संधि द्वारा, राजनीतिक व्यवस्था, दूसरी जातियों की आपसी सहयोग, और यूरोप के प्रमुख राष्ट्रों के मध्य संघर्ष को कम करने के उपायों पर सहमति बनी।


वियना संधि ने यूरोपीय राजनीतिक भूमि को मजबूती और सुरक्षा की दिशा में मोड़ा, इसे यूरोपीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है।

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