भारतीय उदारवाद की दो धाराएं कौन सी है? Bhartiya udarvad ki do dharaye kaun si hai


सवाल: भारतीय उदारवाद की दो धाराएं कौन सी है?

प्राचीन समय से ही भारत एक उदारता वाला देश रहा है, और के एम पणिक्कर के अनुसार भारत उदारवाद की प्रमुख दो धाराएं हैं। उदारवाद की पहली धारा की शुरुआत राममोहन राय के द्वारा होते हैं, उन्होंने महिलाओं के अधिकार के लिए खास तौर पर जोर दिया है, उनका मानना है कि औरतों एवं पुरुषों को समान रूप से ही सम्मान एवं अधिकार मिलने चाहिए। उदारवाद की दूसरी धारा मैं स्वामी विवेकानंद और के सी सेन और जस्टिस रानाडे जैसे मान चिंतक हैं, इन महान विभूतियों ने प्राचीन हिंदू धर्म के दायरे में सामाजिक न्याय का जज्बा जगाया है,  विवेकानंद के अनुसार समाज हिंदू समाज ऐसी रचना कर पाया है, जो कि उदारवादी सिद्धांतों के बगैर संभव ही नहीं था।

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