चरम और परम किसे माना जाता है? Charam aur param kise mana jata hai


सवाल: चरम और परम किसे माना जाता है?

परम और चरम उसे माना जाता है, जो की सबसे ज्यादा ऊंचा हो अग्रणी हो वह चरम, वह जो सबसे प्रधान हो परम हो। शर्म उस अवस्था को कहां जाता है जो दोबारा कभी भी प्राप्त नहीं की जाती हैं और परम उस अंतिम अवस्था को कहा जाता है जिसको प्राप्त करने के बाद हमारी पुणे इच्छा ही खत्म हो जाती हैं परम प्राप्त करने के बाद मनुष्य के पास कोई भी कुछ भी इच्छा से इस नहीं रहती वह केवल परम में खोया रहता है। ऐसे चरम और परम बहुत से लोंग एक ही समझ बैठे, परंतु दोनों का मतलब अलग अलग होता है, इनका का अर्थ में बहुत कम अंतर होता है।

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