दोहरा परिसंचरण तंत्र की व्याख्या करें? Dohara parisancharan tantr kee vyaakhya karen?

सवाल: दोहरा परिसंचरण तंत्र की व्याख्या करें? 

मनुष्य का दोहरा परिसंचरण परिसंचरण तंत्र को कहा जाता है। इसे इसलिए इसलिए कहा जाता है कि प्रत्येक चक्र में रुधिर हमारे हृदय में दो बार जाता है। और हृदय का बाया और दाया बटवारा ऑक्सीजन एवं ऑक्सीजन रहित खून को मिलने से रोकता है। हमारे शरीर में ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं, जिसके लिए हमें ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती हैं, अतः हमारे शरीर में ताप को बनाए रखने के लिए निरंतर परिसंचरण तंत्र लाभदायक होता है।

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