लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था? lekhak pedon ko dushman kyon samajh raha tha?

सवाल: लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था? 

इस कहानी में लेखक जब यात्रा कर रहे होते हैं, तो यात्रा के दौरान उन्हें अपने पास से जा रहे पेड़ों से डर लगने लगता है, क्योंकि लोगों को ऐसा महसूस हो रहा था, कि वह बस की स्टियरिंग कहीं टूट सकती हैं, तथा ब्रेक फेल हो सकते हैं, जिसके कारण वह पेड भी से जाकर टकराये। उन्हें लगता है, कि किसी भी पल वह पेड़ से टकरा सकते हैं, इसीलिए जब वह एक पेड़ से निकल जाते। तो वह दूसरे फिर आने का इंतजार करते और सोचते कि कहीं इस पेड़ के पास से कई बार टकरा ना जाये।


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