मानव नाभि नाल तथा अपरा को परिभाषित कीजिए? Manav nabhi nal tatha apara ko paribhashit kijiye
सवाल: मानव नाभि नाल तथा अपरा को परिभाषित कीजिए?
मानव नाभि नाल एक शरीरिक संरचना है जो मानव शरीर में स्थित होती है। यह एक उच्च और निचले वस्त्रीकरण तंत्र के बीच मध्य बिंदु के रूप में पाया जाता है। मानव नाभि नाल शिशु की गर्भाशय से निकलती है और उपयोगी पोषक तत्वों को भंडारित करने के लिए नाभि के माध्यम से जाती है। यह एक महत्वपूर्ण प्राणवायु नली भी है जो शरीर के अनुभागों के बीच संचार करती है और प्राणशक्ति को नियंत्रित करने में मदद करती है।
अपरा शब्द द्वितीयक वस्त्रीकरण तंत्र को संकेत करता है जो मानव शरीर में मानव नाभि नाल के ऊपर स्थित होता है। यह तंत्र शरीर की ऊपरी भागों को वस्त्रीकृत करने का कार्य करता है और शरीर को समर्पित और संरक्षित रखने में मदद करता है। अपरा मानव शरीर में एक बांधन रेखा की भूमिका निभाती है जो ऊपरी और निचले वस्त्रीकरण तंत्र के बीच लगाई जाती है। इससे शरीर के भिन्न अंग और उनके बीच स्थानांतरण होता है और यह सहायता प्रदान करता है ताकि शरीर की आंतरिक संरचनाएँ सुरक्षित रहें।
इसमें अपरा का तो चर्चा किया ही नहीं गया है।
ReplyDeleteअपरा की परिभाषा कहाँ है?
ReplyDeletesrry sir ham jald hi update jarte hain
Delete