इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग में क्या अंतर है? Investment aur training mein kya antar hai?
सवाल: इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
इन्वेस्टमेंट से तात्पर्य है, कि किसी कंपनी में हम उसको चलाने के लिए हम उसको पैसे देकर लंबे समय तक शेयर खरीद रहे हैं, तथा जिस समय पर हम शेयर ले रहे हैं, उस समय मान लो कि उस शेयर की कीमत ₹10 हैं, और हम ने 1 हजार रुपए इन्वेस्ट की तो लगभग हमने 100 शेयर खरीदे और जब कुछ सालों बाद हम उस शेयर को बेचना चाहते हैं, तो उस समय उस कंपनी के 1 शेयर की कीमत ₹500 हैं, तो हम अगर पूरे 100 शेयर बेचते हैं, तो हमें वहां से लगभग ₹50000 कमा सकते हैं। इन्वेस्टमेंट का तात्पर्य ही लंबे समय तक पैसे को किसी कंपनी में लगाना है।
ट्रेडिंग से तात्पर्य है, कि कम समय के लिए किसी निश्चित समय अवधि तक किसी कंपनी या किसी भी क्रिप्टोकरंसी आदि पर शर्त लगाना, कि यह ऊपर जाएगी या फिर यह नीचे आएगी। अगर हम अपनी शर्त हार जाते हैं, तो हम सभी पैसे हार जाते हैं, तथा अगर हम अनुमान सही हो जाता है तो हम पैसे जीत जाते हैं। मान लीजिए कि हमने निफ़्टी फिफ्टी के पर यह अनुमान लगाया कि आज इसकी प्राइस में गिरावट आएगी और हमने ट्रेडिंग में हजार रुपए लगा दी, परंतु हमारा अनुमान गलत हो गया, तो वह हजार रुपए चले जाएंगे। परंतु यदि हमारा अनुमान सही रहा तो हमें इससे दोगने रुपए मिलेगा।
अगर मैं अपनी राय दूं, तो इन्वेस्टमेंट में ट्रेडिंग में तो मैं इन्वेस्टमेंट करना ज्यादा पसंद करूंगा। क्योंकि इन्वेस्टमेंट में हम किसी कंपनी की मदद कर रहे हैं। तथा हम किसी भी तरह इस में जूए बाजी नहीं कर रहे हैं, जिससे कि पैसा जाने का खतरा कम से कम रहता है तथा अगर हम किसी एक बढ़िया सी कंपनी में पैसे लगाए तो संभावना है, कि वह शुरुआत में इसके शेयर की कीमत में गिरावट आ सकती है, परंतु अगर वह कंपनी अच्छी है तो नीचे थी उसके शेयर आने वाले समय में जरूर बढ़ेगी। परंतु यदि ट्रेडिंग करते हैं, तो उस पर हम कभी भी पूर्ण पता नहीं कर सकते हैं, कि इसमें लाभ होगा अथवा हानि होगी।
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