कीचक का वध किसने किया? Keechak ka vadh kisne kiya?

सवाल: कीचक का वध किसने किया?

महाभारत काल में पांडव जब 12 साल का बनवास और 1 साल का अज्ञातवास भोग रहे थे तब महारथी भीम ने कीचक का वध किया था। यह कथा तब की है जब पांडव 1 साल का अज्ञातवास भोग रहे थे तब वे सभी पांडव कौरवों से बचने के लिए भेष बदलकर विराट नगर में रहने लगे। वहां वे सभी सेवक का काम करते थे। कीचक बहुत अहंकारी और दुष्ट प्राणी था। उस समय द्रोपदी को देखकर कीचक मोहित हो गया और द्रोपदी को पाने की कामना करने लगा। उसी समय कीचक द्रौपदी पर बुरी नजर डालता है तो द्रौपदी इसका विरोध करती है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए चेतावनी भी देती है। कुछ समय बाद दुर्योधन और शकुनि कीचक से मुलाकात करने के लिए उसके नगर विराट नगर में आते हैं। और दुर्योधन राजा विराट को बताता है की पांडव विराटनगर में ही शरण लिए हुए हैं लेकिन राजा विराट इस बात से इंकार कर देते हैं। तभी कीचक को शक हो जाता है और वह द्रोपदी के पास जाता है और मुझे कहता है कि उसे असलियत का पता चल चुका है। अभी पांडव कीचक का वध करने की योजना बनाते हैं और भीम को कीचक का वध करने के लिए भेजते हैं। भीम के बाहुबल के सामने के कीचक नहीं टिक पाता है, और उसकी मृत्यु हो जाती है।

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