संविधान में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता क्यों पड़ती है? Samvidhan mein sanshodhan karne ke liye vishesh bahumat ki avashyakta kyon padti hai


सवाल: संविधान में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

संविधान संशोधन क्यों किया जाता है क्योंकि भविष्य में आने वाली और बदलने वाली परिस्थितियों की कल्पना वह संविधान के निर्माण काल में नहीं कर सकता हैं, और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों की गुथियो  के कारण भी संविधान में संशोधन, परिवर्तन करना वांछनीय और आवश्यक हो जाता है। और संवैधानिक संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख लिखित संविधान का आवश्यक अंग माना जाता है। अब बात करते हैं संविधान में संशोधन करने की विशेष बहुमत की आवश्यकता क्यों पड़ती है—संविधान में संशोधन करने के लिए दो प्रकार के विशेष बहुमत ओं की आवश्यकता पड़ती है निम्न प्रकार है। जैसे की:


1. संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या सदन के कुल सदस्यों की संख्या के कम से कम आधी  होनी चाहिए     

2. दूसरा, संशोधन का समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या मतदान में भाग लेने वाले सभी सदस्यों की दो तिहाई होनी चाहिए। संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में स्वतंत्र रूप से पारित करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए संयुक्त स्तर बुलाने का  प्रावधान नहीं है। कोई भी संशोधन विधेयक विशेष बहुमत के बिना पारित नहीं किया जा सकता है। लोकसभा में 545 सदस्य होते हैं। अंत किसी भी संशोधन विधेयक का समर्थन करने के लिए 273 सदस्यों की आवश्यकता होती है। अगर मतदान के समय 300 सदस्य मौजूद हो तो विधेयक पारित करने के लिए 273 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है।

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