प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन की विशेषताएं लिखिए? Praacheen bhaarateey raajaneetik chintan ki visheshtaen likhiye
Monday, December 06, 2021
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सवाल: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन की विशेषताएं लिखिए?
प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन की कई विशेषताएं थीं, जिनमें से कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. धर्मशास्त्र की महत्वाकांक्षा: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन का मुख्य माध्यम धर्मशास्त्र था। राजनीतिक सिद्धांत, नीति और शासन के मामलों में धर्मशास्त्र महत्वपूर्ण रूप से योगदान करता था। यहां धर्म, न्याय, दान, शास्त्रीय कानून और राज्य प्रशासन के नियमों पर विचार किया जाता था।
2. राजनीतिक संगठन और प्रणाली: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन में व्यापक रूप से राजनीतिक संगठन और प्रणाली का ध्यान दिया जाता था। राज्य की संरचना, प्रशासनिक व्यवस्था, शिक्षा, न्यायपालिका, पुलिस, सेना और नगर प्रशासन जैसे क्षेत्रों में व्यवस्थापित संगठनों का विस्तृत विचार होता था।
3. साम्राज्य और सम्प्रदाय: भारतीय राजनीतिक चिंतन में साम्राज्य और सम्प्रदाय की महत्वाकांक्षा उच्च थी। साम्राज्य और राज्य शक्ति की व्याख्या, शासन के तत्व, सत्ताधारी, राजकीय पुरुषार्थ, साम्राज्य का कर्तव्य और राज्य शक्ति के प्रति सामाजिक और धार्मिक जवाबदेही पर विचार किया जाता था।
4. स्वराज्य और न्याय: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन में स्वराज्य और न्याय की प्रमुखता थी। राज्य के कर्तव्यों, न्याय के मूल्यों, न्यायपालिका की स्थापना, दण्डनीति और सामाजिक न्याय के विषयों पर गहरा विचार किया जाता था। न्याय और धर्म का सुशासन, सर्वभूतहित, धर्मरक्षा और न्यायिक व्यवस्था की प्रमुख विचारधाराओं पर ध्यान दिया जाता था।
5. लोकतंत्र और प्रजातंत्र: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन में लोकतंत्र और प्रजातंत्र की महत्वाकांक्षा उच्च थी। लोकप्रियता, प्रजातंत्र के सिद्धांत, प्रजातंत्र की रक्षा, प्रजा की सहभागिता, नगरिक अधिकार और स्वाधीनता के मुद्दों पर विचार किया जाता था। लोकतंत्र और सामरिक नीतियों के मध्य संतुलन का ध्यान दिया जाता था।
ये विशेषताएं प्राचीन भारतीय रजनीतिक चिंतन की ओर संकेत करती हैं, लेकिन यह केवल उदाहरण हैं और इसमें और भी अनेक महत्वपूर्ण विशेषताएं हो सकती हैं।
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