प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें। Prastut pado ke aadhar par gopiyon ka yog-sadhna ke prati drshtikon spasht karen.
सवाल: प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें।
प्रस्तुत पद के आधार पर स्पष्ट होता है, कि गोपियों योग साधना को पूर्ण रूप से निरस एवं व्यर्थ मानती हैं। गोपियों के अनुसार योग उस ककड़ी के समान है, जिसे निगलना बहुत मुश्किल भरा कार्य है। गोपियों के अनुसार योग एक तरह का ऐसा रोग हैं, जिसे की गोपियों ने पहले कभी भी ना तो देखा था और ना ही कभी सुना था। गोपियो का ऐसा मानना है, कि योग की शिक्षा ऐसे लोगों को देनी चाहिए, जिसकी इंद्रियां और मन दोनों वंश में ही ना हो। योग साधना कि ऐसे लोगों की जरूरत है, जिनका मन बहुत ही ज्यादा चंचल है और इनका मन इधर से उधर हमेशा भटकता रहता है।
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