सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
सवाल: सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
रसखान की कविता "सवैये" में, गोपी की एक सखी उसे कृष्ण का रूप धारण करने के लिए कहती है। वह गोपी से कहती है कि वह कृष्ण की तरह सिर पर मोरपंखों का मुकुट, गले में गुंजों की माला, और शरीर पर पीले वस्त्र पहने। वह गोपी से कृष्ण की तरह गायों को चरानेवाली लाठी भी हाथ में रखने के लिए कहती है।
सखी का आग्रह इस बात का प्रतीक है कि गोपी कृष्ण के प्रति कितनी गहरी आसक्त है। वह कृष्ण के रूप और गुणों को अपने अंदर समाहित करना चाहती है। वह कृष्ण के साथ रहने और उनके साथ खेलने की कल्पना करती है।
गोपी की सखी का आग्रह इस प्रकार है:
चलो, सखी, मोरपंखों का मुकुट, पीतांबर, गले में गुंजों की माला, लाठी हाथ में, चितवन में चंचल, गोकुल में गायों को चराते-चराते, कृष्ण का रूप बनकर खेलें।
गोपी की सखी का आग्रह एक कल्पना है, लेकिन यह एक ऐसा कल्पना है जो कृष्ण भक्ति की गहनता को व्यक्त करती है।
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