वैष्णव जन तो तेने कहिए नामक मानव-मूल्य संबंधी प्रसिद्ध भजन किसके द्वारा रचित है?
सवाल: वैष्णव जन तो तेने कहिए नामक मानव-मूल्य संबंधी प्रसिद्ध भजन किसके द्वारा रचित है?
वैष्णव जन तो तेने कहिए नामक मानव-मूल्य संबंधी प्रसिद्ध भजन 15वीं शताब्दी के गुजराती भक्ति साहित्य के श्रेष्ठतम कवि नरसी मेहता ने रचित है। यह भजन गुजराती भाषा में है। महात्मा गांधी के नित्य की प्रार्थना में यह भजन भी सम्मिलित था। इस भजन में वैष्णव जनों के लिए उत्तम आदर्श और वृत्ति क्या हो, इसका वर्णन है।
भजन में कहा गया है कि वैष्णव जन वो होते हैं जो दूसरों की पीड़ा को महसूस करते हैं और अहंकार को त्यागते हैं। वे किसी की निंदा नहीं करते और पर-स्त्री को माँ मानते हैं। उनके मन में दृढ़ वैराग्य होता है और वे सभी तीर्थ स्थानों को अपने भीतर समाए हुए रखते हैं।
यह भजन वैष्णव धर्म के आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है। यह मानव-मूल्य जैसे दया, करुणा, अहंकार त्याग, निंदा त्याग, पर-स्त्री सम्मान, वैराग्य और तीर्थ-यात्रा को महत्व देता है।
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