संचार-प्रक्रिया कितने छोरों के बीच संचालित होती है? Sanchar prakriya kitne choron ke bich sanchalit hoti hai


सवाल: संचार-प्रक्रिया कितने छोरों के बीच संचालित होती है?

संचार प्रक्रिया दो छोरों के बीच संचालित होती है। एक छोर प्रेषक होता है, जो संदेश को उत्पन्न करता है। दूसरा छोर प्राप्तकर्ता होता है, जो संदेश को प्राप्त करता है। संदेश को एक माध्यम का उपयोग करके एक छोर से दूसरे छोर तक ले जाया जाता है।

संचार प्रक्रिया को निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. संदेश का निर्माण: प्रेषक संदेश को उत्पन्न करता है। यह संदेश मौखिक, लिखित, या गैर-मौखिक हो सकता है।
  2. संदेश को एन्कोड करना: प्रेषक संदेश को एक माध्यम में एन्कोड करता है जिसे प्राप्तकर्ता समझ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि संदेश मौखिक है, तो प्रेषक इसे बोलकर एन्कोड करेगा। यदि संदेश लिखित है, तो प्रेषक इसे लिखकर एन्कोड करेगा।
  3. संदेश को एक माध्यम का उपयोग करके भेजना: प्रेषक संदेश को एक माध्यम का उपयोग करके प्राप्तकर्ता को भेजता है। उदाहरण के लिए, यदि संदेश मौखिक है, तो प्रेषक इसे वायु में बोलकर भेजेगा। यदि संदेश लिखित है, तो प्रेषक इसे एक पत्र या ईमेल के रूप में भेजेगा।
  4. संदेश को डिकोड करना: प्राप्तकर्ता संदेश को प्राप्त करता है और इसे डिकोड करता है। यह संदेश को उस माध्यम से निकालता है जिसमें इसे एन्कोड किया गया था।
  5. संदेश को समझना: प्राप्तकर्ता संदेश को समझता है और इसके अर्थ को समझता है।

यदि संचार प्रक्रिया सफल होती है, तो प्राप्तकर्ता संदेश के अर्थ को समझता है और प्रेषक के इरादे को पूरा करता है।

संचार प्रक्रिया में कई कारक शामिल हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • प्रेषक की क्षमता: प्रेषक को संदेश को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए।
  • प्राप्तकर्ता की क्षमता: प्राप्तकर्ता को संदेश को समझने और उसके अर्थ को समझने में सक्षम होना चाहिए।
  • माध्यम: माध्यम संदेश को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने में सक्षम होना चाहिए।
  • बाधाएं: बाधाएं संदेश को प्राप्तकर्ता तक पहुंचने से रोक सकती हैं। इन बाधाओं में शामिल हैं:
    • भाषा की बाधा: यदि प्रेषक और प्राप्तकर्ता एक ही भाषा नहीं बोलते हैं, तो संचार में समस्याएं हो सकती हैं।
    • सांस्कृतिक बाधा: यदि प्रेषक और प्राप्तकर्ता अलग-अलग संस्कृतियों से आते हैं, तो संचार में समस्याएं हो सकती हैं।
    • सामाजिक बाधा: यदि प्रेषक और प्राप्तकर्ता एक दूसरे के साथ असहज महसूस करते हैं, तो संचार में समस्याएं हो सकती हैं।

संचार एक महत्वपूर्ण कौशल है जो हमें अपने आसपास की दुनिया से जुड़ने और दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत करने में मदद करता है।

Rjwala Rjwala is your freely Ai Social Learning Platform. here our team solve your academic problems daily.

0 Komentar

Post a Comment

let's start discussion

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 1

Iklan Tengah Artikel 2

Latest Post

Disclaimer

All information provided on this site is generated by artificial intelligence. If you find any content objectionable or have concerns about the information provided, please feel free to comment or contact us directly.