प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष में अंतर स्पष्ट करें।
सवाल: प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष में अंतर स्पष्ट करें।
प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष, दोनों ही सूर्य के प्रकाश के अपवर्तन और परावर्तन के कारण बनते हैं। हालांकि, इन दोनों इंद्रधनुषों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।
प्राथमिक इंद्रधनुष
प्राथमिक इंद्रधनुष, सूर्य के प्रकाश के दो अपवर्तनों और एक पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण बनता है। प्राथमिक इंद्रधनुष में, लाल रंग सबसे बाहरी किनारे पर होता है, और बैंगनी रंग सबसे आंतरिक किनारे पर होता है। प्राथमिक इंद्रधनुष आमतौर पर 42 डिग्री के कोण पर दिखाई देता है।
द्वितीयक इंद्रधनुष
द्वितीयक इंद्रधनुष, सूर्य के प्रकाश के तीन अपवर्तनों और दो पूर्ण आंतरिक परावर्तनों के कारण बनता है। द्वितीयक इंद्रधनुष में, बैंगनी रंग सबसे बाहरी किनारे पर होता है, और लाल रंग सबसे आंतरिक किनारे पर होता है। द्वितीयक इंद्रधनुष आमतौर पर प्राथमिक इंद्रधनुष से थोड़ा कम, लगभग 51 डिग्री के कोण पर दिखाई देता है।
प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष के बीच के अंतर निम्नलिखित हैं:
विशेषता | प्राथमिक इंद्रधनुष | द्वितीयक इंद्रधनुष |
---|---|---|
बनने की विधि | सूर्य के प्रकाश के दो अपवर्तनों और एक पूर्ण आंतरिक परावर्तन | सूर्य के प्रकाश के तीन अपवर्तनों और दो पूर्ण आंतरिक परावर्तनों |
रंगों का क्रम | लाल से बैंगनी | बैंगनी से लाल |
दिखाई देने का कोण | 42 डिग्री | 51 डिग्री |
उज्ज्वलता | द्वितीयक इंद्रधनुष की तुलना में अधिक उज्ज्वल | द्वितीयक इंद्रधनुष की तुलना में कम उज्ज्वल |
प्राथमिक इंद्रधनुष, द्वितीयक इंद्रधनुष की तुलना में अधिक उज्ज्वल होता है। इसका कारण यह है कि प्राथमिक इंद्रधनुष में, सूर्य के प्रकाश का अधिक भाग अपवर्तित होता है, जबकि द्वितीयक इंद्रधनुष में, सूर्य के प्रकाश का अधिक भाग परावर्तित होता है।
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