जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें? Jarmani ke ekikaran me bismarck ki bhumika ka varnan karen
सवाल: जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें?
ओटो वॉन बिस्मार्क, प्रशा के प्रधान मंत्री और बाद में जर्मनी के चांसलर, ने 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने तीन युद्धों के माध्यम से जर्मनी के छोटे-छोटे राज्यों को एकीकृत किया:
- डैनिश-प्रशियाई युद्ध (1864): इस युद्ध में प्रशिया ने डेनमार्क से श्लेस्विग और हॉलस्टीन प्रांतों पर विजय प्राप्त की।
- ऑस्ट्रो-प्रशियाई युद्ध (1866): इस युद्ध में प्रशिया ने ऑस्ट्रिया को पराजित किया और जर्मनी के उत्तरी राज्यों को एकीकृत किया।
- फ्रेंको-प्रशियाई युद्ध (1870-71): इस युद्ध में प्रशिया ने फ्रांस को पराजित किया और जर्मनी के दक्षिणी राज्यों को एकीकृत किया।
बिस्मार्क ने एक कुशल कूटनीतिज्ञ और प्रशा की शक्तिशाली सेना का उपयोग करके इन युद्धों को जीता। उन्होंने जर्मनी के एकीकरण के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय पहचान और एक शक्तिशाली सेना के निर्माण पर जोर दिया।
बिस्मार्क की भूमिका जर्मनी के एकीकरण में अद्वितीय थी। उन्होंने एक ऐसे देश का निर्माण किया जो यूरोप के इतिहास में एक शक्तिशाली खिलाड़ी बन गया।
बिस्मार्क की जर्मनी के एकीकरण में निम्नलिखित भूमिकाएँ थीं:
- एक कुशल कूटनीतिज्ञ के रूप में, उन्होंने जर्मनी के एकीकरण के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय पहचान और एक शक्तिशाली सेना के निर्माण पर जोर दिया।
- प्रशा की शक्तिशाली सेना का उपयोग करके, उन्होंने तीन युद्धों के माध्यम से जर्मनी के छोटे-छोटे राज्यों को एकीकृत किया।
- 1871 में, उन्होंने जर्मन साम्राज्य की स्थापना की, जिसका नेतृत्व प्रशा ने किया।
बिस्मार्क की जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने एक ऐसे देश का निर्माण किया जो यूरोप के इतिहास में एक शक्तिशाली खिलाड़ी बन गया।
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