प्रगतिवाद के दो कवियों के नाम व उनकी दो रचनाओं के नाम भी लिखिए?
सवाल: प्रगतिवाद के दो कवियों के नाम व उनकी दो रचनाओं के नाम भी लिखिए?
प्रगतिवाद हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण आंदोलन था। इस आंदोलन के कवियों ने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को अपनी कविताओं में प्रमुखता से स्थान दिया। प्रगतिवाद के दो प्रमुख कवि हैं:
- केदारनाथ अग्रवाल: केदारनाथ अग्रवाल प्रगतिवाद के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उनकी कविताएँ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर केंद्रित हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं "साम्यवादी गीत", "युग की आवाज़", और "आज की कविता"।
- नागार्जुन: नागार्जुन प्रगतिवाद के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक हैं। उनकी कविताएँ प्रगतिशील विचारों और आदर्शों से ओतप्रोत हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं "युगधारा", "साम्यवादी गीतों का संग्रह", और "नए पत्ते"।
केदारनाथ अग्रवाल की कविता "साम्यवादी गीत" में उन्होंने साम्यवाद के आदर्शों को व्यक्त किया है। कविता में वे कहते हैं कि साम्यवाद एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें सभी लोग बराबर होंगे और कोई भी गरीबी और भुखमरी से नहीं जूझेगा।
नागार्जुन की कविता "युगधारा" में उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया है। कविता में वे कहते हैं कि समाज में जो गलत है उसे बदलना होगा और एक बेहतर समाज का निर्माण करना होगा।
इन दोनों कवियों की रचनाओं ने हिंदी साहित्य में प्रगतिवाद आंदोलन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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