न्यायपालिका की संरचना संक्षेप में लिखिए? Nyaypalika ki sanrachna sankshep me likhiye
सवाल: न्यायपालिका की संरचना संक्षेप में लिखिए?
न्यायपालिका की संरचना
भारतीय न्यायपालिका की संरचना एक त्रिस्तरीय व्यवस्था है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालय शामिल हैं।
सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय भारत की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। यह भारत की संघीय संरचना का एक अभिन्न अंग है और संविधान की व्याख्या का अंतिम अधिकार रखता है।
सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रधान न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश होते हैं, जिनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद की सहमति से की जाती है।
सर्वोच्च न्यायालय के पास निम्नलिखित शक्तियां हैं:
- संविधान की व्याख्या करना
- संघीय और राज्य सरकारों के बीच विवादों को सुलझाना
- केंद्र और राज्यों के कानूनों की वैधता को चुनौती देना
- सामान्य न्यायालयों के फैसलों की समीक्षा करना
उच्च न्यायालय
भारत के प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय होता है। उच्च न्यायालयों के पास अपने-अपने राज्यों में सर्वोच्च न्यायिक अधिकार होता है।
उच्च न्यायालयों में एक मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश होते हैं, जिनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल की सलाह पर की जाती है।
उच्च न्यायालयों के पास निम्नलिखित शक्तियां हैं:
- अपने राज्यों के संविधानों की व्याख्या करना
- अपने राज्यों की सरकारों और विधानमंडलों के बीच विवादों को सुलझाना
- अपने राज्यों के कानूनों की वैधता को चुनौती देना
- निचली अदालतों के फैसलों की समीक्षा करना
अधीनस्थ न्यायालय
अधीनस्थ न्यायालय भारत की न्यायपालिका के तीसरे स्तर का गठन करते हैं। इन न्यायालयों का अधिकार क्षेत्र आमतौर पर स्थानीय या क्षेत्रीय स्तर तक सीमित होता है।
अधीनस्थ न्यायालयों में जिला न्यायालय, सत्र न्यायालय, और अन्य निचली अदालतें शामिल हैं।
अधीनस्थ न्यायालयों के पास निम्नलिखित शक्तियां हैं:
- आपराधिक मामलों की सुनवाई और निर्णय करना
- नागरिक मामलों की सुनवाई और निर्णय करना
- सिविल प्रक्रिया और आपराधिक प्रक्रिया के नियमों को लागू करना
भारतीय न्यायपालिका की संरचना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह देश के कानून के शासन को सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में मदद करती है।
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