सवाल: सकट चौथ का व्रत कैसे किया जाता है?
सकट चौथ का व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत माँ पार्वती और भगवान गणेश की पूजा के लिए किया जाता है। इस व्रत को माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।
सकट चौथ का व्रत करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- गेहूं का आटा
- गुड़
- तिल
- चांदी का चौथ का कटोरा
- चांदी की चंद्रमा की आकृति
- वर्तन
- दीपक
- धूप
- अगरबत्ती
- फूल
- फल
- मिठाई
व्रत की विधि:
- सकट चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- व्रत का संकल्प लें।
- चौथ के कटोरे को गेहूं के आटे से भरें और उसमें गुड़ और तिल मिलाएं।
- चांदी की चंद्रमा की आकृति को कटोरे के बीच में रखें।
- वर्तन में जल भरें और उसमें दीपक, धूप, अगरबत्ती, फूल और फल रखें।
- भगवान गणेश और माँ पार्वती की पूजा करें।
- व्रत कथा सुनें।
- चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- व्रत का पारण करें।
सकट चौथ के व्रत का पारण निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:
- चंद्रोदय के बाद, महिलाएं चांदी के चंद्रमा की आकृति को पानी में डुबोकर उसे चंद्रमा का प्रतीक मानकर उसे अर्घ्य देती हैं।
- इसके बाद, वे व्रत का पारण करती हैं।
सकट चौथ के व्रत का महत्व:
सकट चौथ का व्रत एक बहुत ही शुभ और मंगलकारी व्रत माना जाता है। इस व्रत को करने से महिलाओं को सुख, समृद्धि और संतान प्राप्ति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने से भगवान गणेश और माँ पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।
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