ऊष्मा बजट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें? Ushma bajat par ek sankshipt tippani likhe


सवाल: ऊष्मा बजट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें?

ऊष्मा बजट वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी और उसके वायुमंडल में ऊर्जा का प्रवाह होता है। पृथ्वी सूर्य से प्राप्त सौर विकिरण से ऊर्जा प्राप्त करती है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर अवशोषित होती है और फिर पृथ्वी द्वारा अंतरिक्ष में विकिरणित होती है। पृथ्वी की सतह से विकिरणित ऊर्जा की तरंग दैर्ध्य सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की तरंग दैर्ध्य से लंबी होती है।

पृथ्वी के ऊष्मा बजट में निम्नलिखित प्रक्रियाएं शामिल हैं:

  • सौर विकिरण का अवशोषण: पृथ्वी और उसका वायुमंडल सूर्य से आने वाले सौर विकिरण का लगभग 30% अवशोषित करता है।
  • पार्थिव विकिरण का उत्सर्जन: पृथ्वी की सतह से लगभग 60% सौर विकिरण का उत्सर्जन पार्थिव विकिरण के रूप में होता है।
  • वाष्पीकरण: महासागरों से पानी की वाष्पीकरण से ऊष्मा अवशोषित होती है।
  • संवहन: वातावरण में गर्म हवा का ऊपर उठना और ठंडी हवा का नीचे उतरना ऊष्मा के प्रवाह का कारण बनता है।
  • परिवहन: महासागरीय धाराओं और हवाओं द्वारा ऊष्मा का परिवहन होता है।

पृथ्वी के ऊष्मा बजट में संतुलन होने पर पृथ्वी का तापमान स्थिर रहता है। यदि ऊष्मा बजट में असंतुलन होता है, तो पृथ्वी का तापमान बढ़ सकता है या घट सकता है।

मानव गतिविधियों से पृथ्वी के ऊष्मा बजट में असंतुलन हो सकता है। उदाहरण के लिए, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से पृथ्वी की सतह से विकिरणित होने वाली ऊर्जा को अवशोषित किया जाता है। इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ सकता है।

ऊष्मा बजट का अध्ययन जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

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