भक्तिकालीन काव्य की कोई दो विशेषताएं लिखिए? Bhaktikalin kavya ki koi do visheshtayen likhiye
Saturday, February 03, 2024
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सवाल: भक्तिकालीन काव्य की कोई दो विशेषताएं लिखिए?
भक्तिकालीन काव्य की दो विशेषताएं:
- भक्ति भावना: भक्तिकालीन काव्य की मुख्य विशेषता भक्ति भावना है। इस काल के सभी कवि ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण और प्रेम से प्रेरित थे। उन्होंने अपने काव्य में विभिन्न रसों और भाषाओं का प्रयोग करते हुए ईश्वर की भक्ति का गुणगान किया।
- लोकभाषा का प्रयोग: भक्तिकालीन काव्य में संस्कृत के साथ-साथ लोकभाषाओं का भी व्यापक प्रयोग हुआ। कवियों ने अपनी रचनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरल और सहज भाषा का प्रयोग किया।
इनके अलावा, भक्तिकालीन काव्य की कुछ अन्य विशेषताएं भी हैं:
- निराकार और साकार रूप: इस काल के कवियों ने ईश्वर के निराकार और साकार दोनों रूपों का वर्णन किया।
- विभिन्न सम्प्रदायों का प्रभाव: इस काल में विभिन्न भक्ति सम्प्रदायों का प्रभाव देखने को मिलता है, जैसे रामानंद सम्प्रदाय, कृष्ण भक्ति सम्प्रदाय, कबीर पंथ आदि।
- नायक-नायिका भाव: भक्ति काव्य में ईश्वर को नायक और भक्त को नायिका के रूप में चित्रित किया गया है।
- भाषा-शैली: भक्तिकालीन काव्य में विभिन्न भाषा-शैलियों का प्रयोग हुआ है, जैसे सरल, सहज, भक्तिमय, प्रेमात्मक, रहस्यमय आदि।
भक्तिकालीन काव्य हिंदी साहित्य का एक स्वर्ण युग माना जाता है। इस काल के कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति का मार्ग दिखाया।
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