हल्कू खेत पर कहाँ और कैसे रात बिता रहा था? Halku khet par kaha or kaise raat bita raha tha
सवाल: हल्कू खेत पर कहाँ और कैसे रात बिता रहा था?
हल्कू, एक गरीब काश्तकार, अपने छोटे से खेत में थोड़ी फसल करके अपनी गुजारा कर रहा था। उसके पास पर्याप्त साधन नहीं थे, लेकिन उसके खेत में फसल हो गई थी। इसलिए वह पूस माह की कड़कड़ती ठंड में भी अपनी फसल की जानवरों से रक्षा करने के लिए खुले खेत में रात गुजार रहा था। उसके पास ओढ़ने के लिए ढंग का कंबल भी नहीं था। वह चारपाई पर यह पुराने कंबल के सहारे कड़कड़ाती ठंड में अपने कुत्ते के साथ खेत में रात बिता रहा था
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