सवाल: व्यापार अवरोधक के रूप में कर आरोपित किया जाता है?
आयात पर 'कर' को व्यापार अवरोधक के रूप में इसलिए जाना पड़ता है, क्योंकि इससे सरकार विदेशी व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगाकर उन्हें नियमित करती है। भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार और विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के कारण निम्नलिखित हैं:
1. वैधानिक निषेध (Legal Prohibition): इसमें सरकार कानून बनाकर किसी वस्तु के आयात-निर्यात पर रोक लगाती है।
2. प्रशुल्क (Tariff): इसमें आयात और निर्यात पर लगने वाला कर शामिल होता है.
3. आर्थिक सहायता (Economic Help): इसके अंतर्गत अनुदान, विशेष छूट और अन्य आर्थिक सहायता शामिल हो सकती है, जो सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदान करती है।
4. परिमाणात्मक प्रतिबंध (Quantitative Restriction): इसमें आयात की जाने वाली वस्तुओं के कोटे निश्चित किए जाते हैं.
5. व्यापार नियन्त्रण की विधियाँ (Business Control Methods): यह संरक्षण का सिद्धांत स्पष्ट करता है कि किस प्रकार राज्य के हस्तक्षेप द्वारा घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्द्धा से मुक्त रखा जाता है।
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