राज्यसभा के गठन एवं शक्तियों का संक्षेप में वर्णन करें।


सवाल: राज्यसभा के गठन एवं शक्तियों का संक्षेप में वर्णन करें।

राज्यसभा, जिसे भारतीय संसद का ऊपरी सदन कहा जाता है, का गठन 1952 में हुआ था। इसके सदस्य भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों द्वारा चुने जाते हैं, जबकि कुछ सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।


राज्यसभा की प्रमुख शक्तियाँ निम्नलिखित हैं:

विधायी शक्तियाँ: राज्यसभा विधेयकों पर चर्चा और अनुमोदन करती है, हालांकि वित्तीय विधेयकों पर उसकी सीमित भूमिका होती है।

संविधान संशोधन: राज्यसभा संविधान संशोधनों को पारित करने में लोकसभा के समान अधिकार रखती है।

राज्य हित संरक्षण: राज्यसभा राज्यों के हितों की रक्षा करती है, विशेषकर ऐसे मामलों में जो राज्यों की शक्तियों को प्रभावित करते हैं।

संसदीय जांच: राज्यसभा विभिन्न मामलों की जांच के लिए समितियाँ गठित कर सकती है।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव: राज्यसभा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेती है।

विशेषाधिकार: राज्यसभा विशेष मामलों में स्वयं को अतिरिक्त शक्तियाँ भी प्रदान कर सकती है।

राज्यसभा भारतीय संघीय ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और राज्यों के हितों की रक्षा के लिए एक मंच प्रदान करती है।

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