सवाल: मानव नेत्र में प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होती है?
मानव नेत्र में प्रतिबिंब की प्रकृति वास्तविक और उल्टा होती है। जब प्रकाश की किरणें वस्तु से निकलकर नेत्र में प्रवेश करती हैं, तो वे नेत्र के लेंस से होकर गुजरती हैं और रेटिना पर एक वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब बनाती हैं। रेटिना एक संवेदनशील परत होती है जो प्रकाश को विद्युत संकेत में परिवर्तित करती है। ये विद्युत संकेत फिर मस्तिष्क को भेज दिए जाते हैं, जहां वे दृष्टि के रूप में व्याख्या किए जाते हैं।
मानव नेत्र में प्रतिबिंब का वास्तविक और उल्टा होना इस कारण से होता है कि नेत्र का लेंस एक अवतल लेंस होता है। अवतल लेंस प्रकाश को अभिसारित करता है, जिससे प्रकाश की किरणें एक बिंदु पर मिलती हैं। यह बिंदु रेटिना पर होता है।
यदि मानव नेत्र में प्रतिबिंब काल्पनिक और उल्टा होता, तो हम वस्तुओं को सीधा नहीं देख पाते।
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