भारतीय संविधान में कितने मौलिक कर्तव्य का उल्लेख है? Bhartiye shvidhan mein kitne mol kartavya ka ullekh hai


सवाल: भारतीय संविधान में कितने मौलिक कर्तव्य का उल्लेख है?

भारतीय संविधान में 11 मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है।

मौलिक कर्तव्य नागरिकों के उन कर्तव्यों का उल्लेख करते हैं जो उन्हें देश के प्रति निभाने चाहिए।

इन कर्तव्यों का पालन करना सभी नागरिकों का दायित्व है।

यहां 11 मौलिक कर्तव्यों की सूची दी गई है:

  1. संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें।

  2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें तथा पालन करें।

  3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें।

  4. अपने राष्ट्र की रक्षा करें।

  5. देश के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें।

  6. भारत की सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्‍व समझे और उनका परिरक्षण करें।

  7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करें और उसका संवर्धन करें।

  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करें।

  9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें।

  10. व्यक्तिगत और सामाजिक गतिविधियों में उत्कृष्टता का प्रयास करें।

  11. सभी माता-पिता/अभिभावकों का कर्तव्य है कि वे 6-14 वर्ष की आयु के अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख संविधान के भाग IVA में अनुच्छेद 51A में किया गया है।

इन कर्तव्यों को 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।

मौलिक कर्तव्यों को न्यायालयों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है।

हालांकि, इन कर्तव्यों का पालन करना सभी नागरिकों का नैतिक दायित्व है।

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