कविता के शाब्दिक अनुशासन को क्या कहते हैं? Kavita ke shabdik anushasan ko kya kahte hai


सवाल: कविता के शाब्दिक अनुशासन को क्या कहते हैं?

कविता के शाब्दिक अनुशासन को छंद कहते हैं। छंद शब्दों की व्यवस्था का एक नियमित तरीका है जो कविता को लय और संगीतात्मकता प्रदान करता है। छंद में शब्दों की संख्या, मात्रा, और यति (विराम) निश्चित होते हैं।

छंद के मुख्य प्रकार:

  • मात्रिक छंद: इस प्रकार के छंद में शब्दों की संख्या निश्चित होती है।
  • वर्णिक छंद: इस प्रकार के छंद में वर्णों की संख्या निश्चित होती है।
  • मात्रिक-वर्णिक छंद: इस प्रकार के छंद में शब्दों और वर्णों दोनों की संख्या निश्चित होती है।

छंद के कुछ उदाहरण:

  • दोहा: दो पंक्तियों का छंद, जिसमें प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं।
  • चौपाई: चार पंक्तियों का छंद, जिसमें प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं।
  • सोरठा: चार पंक्तियों का छंद, जिसमें पहली और तीसरी पंक्ति में 24 मात्राएँ और दूसरी और चौथी पंक्ति में 22 मात्राएँ होती हैं।
  • कवित्त: दो पंक्तियों का छंद, जिसमें प्रत्येक पंक्ति में 16 मात्राएँ होती हैं।

छंद कविता को सुंदर और प्रभावशाली बनाता है। यह कविता में भावनाओं को व्यक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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