स्थाई भाव तथा संचारी भाव में दो अंतर लिखिए? Sthayi bhav tatha sanchari bhav me do antar likhiye
सवाल: स्थाई भाव तथा संचारी भाव में दो अंतर लिखिए?
स्थाई भाव और संचारी भाव हिंदी साहित्य के रस सिद्धांत के महत्वपूर्ण अंग हैं। स्थाई भाव वे भाव होते हैं जो मनुष्य के हृदय में स्थायी रूप से विद्यमान होते हैं और किसी काव्य या नाटक के प्रभाव से जागृत होकर रस में परिणत होते हैं। इन्हें नौ रसों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। दूसरी ओर, संचारी भाव वे अस्थायी भाव होते हैं जो स्थाई भाव के साथ उत्पन्न होते हैं और कुछ समय के लिए मन में ठहरते हैं। ये भाव विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं और परिस्थितियों के अनुसार बदल सकते हैं। स्थाई भाव की स्थिरता और संचारी भाव की अस्थिरता इन दोनों के बीच का प्रमुख अंतर है। इसके अलावा, स्थाई भाव जहाँ एक विशेष रस को जन्म देते हैं, वहीं संचारी भाव उस रस को विविधता प्रदान करते हैं और उसे और अधिक समृद्ध बनाते हैं।
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