छायावाद की प्रमुख विशेषताएं? Chhayavad ki pramukh visheshtaen
सवाल: छायावाद की प्रमुख विशेषताएं?
छायावाद एक हिंदी साहित्यिक आंदोलन था जो 20वीं सदी के पहले दशक में उभरा। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. प्राकृतिक और भावात्मक तत्व: छायावाद का महत्वपूर्ण विशेषता वास्तविकता, प्राकृतिकता, और भावात्मकता को महत्व देना है। इस आंदोलन के कवियों ने प्रकृति के सौंदर्य, वातावरण के अनुभव, और मनुष्य के भावों को मध्यस्थ करने की कोशिश की। उन्होंने साधारण जीवन के छोटे-मोटे पलों को भी विशेष महत्व दिया और उनकी उत्कृष्टता को व्यक्त किया।
2. आदर्शवाद और सुंदरता: छायावाद का एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता आदर्शवाद और सुंदरता को प्रमुखता देना है। कवियों ने व्यक्तिगत आदर्शों को प्रमुखता दी, जहां सत्य, प्रेम, सम्मान, और ईमानदारी को महत्व दिया गया। इसके साथ ही, भाषा के सुंदर और रसभरे उपयोग के माध्यम से सुंदरता को बढ़ावा दिया गया।
छायावाद ने हिंदी साहित्य को एक नया दिशा दी और नए साहित्यिक आदान-प्रदान का प्रारंभ किया। इसमें प्राकृतिकता, भावात्मकता, आदर्शवाद, और सुंदरता की प्रमुख विशेषताएं होती हैं, जो छायावाद को अनूठा बनाती हैं।
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