सिख धर्म की प्रमुख विशेषताएं? Sikh dharm ki pramukh visheshtayen
सवाल: सिख धर्म की प्रमुख विशेषताएं?
सिख धर्म, जो 15वीं सदी में भारत के पंजाब प्रान्त में गुरु नानक देव जी द्वारा स्थापित किया गया था, एक अद्वितीय धार्मिक संप्रदाय है। सिख धर्म की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. एकेता और आदित्यता के सिद्धांत: सिख धर्म की प्रमुख विशेषता एकेता और आदित्यता के सिद्धांत है। यह सिखों को समानता, ब्रह्मचर्य, सत्य, और न्याय की मान्यता के साथ एक होने की प्रेरणा देता है। सिख धर्म में सभी लोगों को बिना जाति, धर्म, या लिंग के एक समान रूप में स्वीकारा जाता है।
2. गुरु ग्रंथ साहिब: सिख धर्म की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब है, जिसे सिखों का धार्मिक और आदर्शिक ग्रंथ माना जाता है। यह एक संकलन है जिसमें सिख गुरुओं के बाणी, संगीत, और धार्मिक लेख सम्मिलित हैं। गुरु ग्रंथ साहिब को सिख समुदाय में गुरु की मान्यता प्राप्त है और इसे सिखों की आध्यात्मिक गाइड बुक के रूप में समझा जाता है।
3. सेवा और समर्पण: सिख धर्म की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता सेवा और समर्पण के मूल्यों को महत्व देना है। सिख समुदाय में सेवा को महत्वपूर्ण माना जाता है और सिख संघ को सामाजिक और कार्यक्षेत्रों में सक्रिय रूप से योगदान देने की प्रेरणा मिलती है। सिखों को अपने समुदाय के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
सिख धर्म एक सामाजिक, आध्यात्मिक, और सेवामूलक संप्रदाय है, जो एकेता, समर्पण, और सेवा के मूल्यों को महत्व देता है। इसके अलावा, सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब की मान्यता और सिखों के लिए समानता के सिद्धांत भी महत्वपूर्ण हैं।
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