काली मिट्टी की दो विशेषताएं? Kali mitti ki do visestaye


सवाल: काली मिट्टी की दो विशेषताएं?

काली मिट्टी की दो प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • जल धारण क्षमता: काली मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता बहुत अधिक होती है। यह मिट्टी में जीवांश की अधिकता के कारण होती है। जीवांश मिट्टी में पानी को सोखने और अवशोषित करने में मदद करता है।
  • उर्वरता: काली मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। इसमें पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है, जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। काली मिट्टी में मुख्य रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

काली मिट्टी की अन्य विशेषताओं में शामिल हैं:

  • **यह मिट्टी काली या गहरी भूरी रंग की होती है।
  • **यह मिट्टी चिकनी होती है और इसमें पानी आसानी से समा जाता है।
  • **यह मिट्टी गीली होने पर चिपचिपी हो जाती है और सूखने पर दरारें पड़ जाती हैं।
  • **यह मिट्टी कपास, गन्ना, ज्वार, बाजरा, और मूंगफली जैसी फसलों के लिए उपयुक्त होती है।

भारत में काली मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार दक्कन पठार और मालवा पठार में पाया जाता है। इन पठारों के अलावा, काली मिट्टी कुछ अन्य क्षेत्रों में भी पाई जाती है, जैसे कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र, और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र।

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