गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों लिया? Gandhi ji ne ashyogh aandolan wapas vaaphs lene ka peshla kyu liya


सवाल: गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों लिया?

गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला कई कारणों से लिया। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • चौरी-चौरा कांड: 5 फरवरी, 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में एक भीड़ ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया और उसे आग लगा दी। इस घटना में 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस घटना से गांधी जी बहुत दुखी हुए और उन्होंने आंदोलन को वापस लेने का फैसला किया।
  • लोगों की तैयारी का अभाव: गांधी जी को लगा कि लोग अभी भी अहिंसा के सिद्धांतों को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं। उन्होंने महसूस किया कि अगर आंदोलन जारी रहा तो हिंसा और अराजकता बढ़ सकती है।
  • सरकार की कठोर कार्रवाई: सरकार ने असहयोग आंदोलन को दबाने के लिए कठोर कार्रवाई की। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें लंबी सजाएँ दी गईं। गांधी जी को लगा कि सरकार की इस कार्रवाई से लोगों का मनोबल टूट जाएगा।

गांधी जी ने 12 फरवरी, 1922 को बारदोली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में असहयोग आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की। इस घोषणा से पूरे देश में निराशा फैल गई। हालांकि, गांधी जी का मानना था कि यह आंदोलन भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।

असहयोग आंदोलन को वापस लेने के बाद, गांधी जी ने किसानों के लिए एक नए आंदोलन, नमक सत्याग्रह, की शुरुआत की। इस आंदोलन ने भी ब्रिटिश सरकार को काफी नुकसान पहुंचाया।

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