प्रयोगवाद की कोई दो विशेषताएं प्रवृत्तियां लिखिए? Prayogvad ki koi do visestaye likhiye


सवाल: प्रयोगवाद की कोई दो विशेषताएं प्रवृत्तियां लिखिए?

प्रयोगवाद की दो प्रमुख विशेषताएं प्रवृत्तियां निम्नलिखित हैं:

  1. नवीनता और प्रयोगशीलता: प्रयोगवाद की सबसे प्रमुख विशेषता नवीनता और प्रयोगशीलता है। प्रयोगवादी कविता में शिल्प और संवेदना के स्तर पर सर्वथा नवीन प्रयोग मिलते हैं। उन्होंने छायावादी कविता के रूढ़िबद्ध ढांचे को तोड़कर नई कविता की नींव रखी। उन्होंने नई कविता के लिए नए-नए विषयों, बिंबों, प्रतीक और शब्दावली का प्रयोग किया।
  2. व्यक्तिगत अस्मिता और निजता: प्रयोगवादी कविता में व्यक्तिगत अस्मिता और निजता को बहुत महत्व दिया गया है। प्रयोगवादी कवि अपने व्यक्तिगत अनुभवों, विचारों और भावनाओं को कविता में अभिव्यक्त करते हैं। वे अपने व्यक्तिगत जीवन और संघर्षों से प्रेरित होते हैं।

इनके अतिरिक्त, प्रयोगवाद की अन्य प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • यथार्थवादी दृष्टिकोण: प्रयोगवादी कविता में यथार्थवादी दृष्टिकोण का समावेश होता है। प्रयोगवादी कवि यथार्थ को यथातथ्य रूप में प्रस्तुत करते हैं। वे सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं के प्रति भी जागरूक होते हैं।
  • बौद्धिकता: प्रयोगवादी कविता में बौद्धिकता का समावेश होता है। प्रयोगवादी कविता में भावुकता के साथ-साथ बौद्धिकता भी होती है।
  • अतिसूक्ष्मता: प्रयोगवादी कविता में अतिसूक्ष्मता का प्रयोग होता है। प्रयोगवादी कवि अपने विचारों और भावनाओं को अतिसूक्ष्म रूप से व्यक्त करते हैं।

प्रयोगवाद ने हिंदी साहित्य में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया। प्रयोगवादी कवियों ने हिंदी कविता को नए आयाम दिए।

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